Posts

Showing posts with the label akbar birbal stories

बीरबल की खिचड़ी Akbar Birbal Moral Story in Hindi

  बीरबल की खिचड़ी  अकबर के शहर फतेहपुर सीकरी में सर्दियों के दौरान काफी ठण्ड पड़ती थी || एक बार बादशाह ने यह घोषणा करवा दी कि वह सोने के हज़ार सिक्के उसे देंगे जो शाही महल के बाहर स्थित ठंडी झील में पूरी  रात खड़े होने की हिम्मत करेगा|  कई दिनों तक अकबर के पास कोई भी नहीं आया| फिर एक दिन एक गरीब ब्राह्मण दरबार में आया| अकबर उस गरीब आदमी को देखकर हैरान रह गए| वह बहुत कमजोर और बीमार था| अकबर ने पूछा, “ तुम काफी कमजोर और बीमार हो| तुम इस मुश्किल चुनौती को क्यों लेना चाहते हो?” ब्राह्मण बोला, “मेरे राजा, मै एक गरीब आदमी हूँ| मेरे छोटे छोटे बच्चे है, जो भूखे है| मुझे पैसों की जरूरत है|” अकबर राजी हो गए| ब्राह्मण को दो दोपहर झील में लेकर गए| ब्राह्मण ने अपने सारे कपडे उतारकर झील में प्रवेश किया और पहरेदारो की निगरानी में बर्फ जैसे ठन्डे पानी में पूरी रात खड़ा रहा |  अगली सुबह पहरेदार ब्राह्मण को दरबार में लेकर गए| अकबर ब्राह्मण की बहादुरी पर हैरान था | उसने पूछा, “ तुमने सारी रात ठन्डे  पानी में खड़े रहने के लिए प्र्रबंध कैसे किया? क्या तुम्हें ठंड नहीं लगी?” ब्राह्मण ...

Famous Akbar-Birbal Moral Stories for Kids

   पैसो का झोला  Description – Copy: पैसो का झोला कहानी एक ईमानदार कसाई और चालाक व्यापारी के बीच हुई घटना पर आधारित है। यह कहानी दिखाती है कि सत्य और ईमानदारी हमेशा जीतती है। बीरबल की बुद्धिमानी से झगड़ा सुलझता है और सही को न्याय मिलता है। यह कहानी बच्चों और बड़ों दोनों के लिए सीखने योग्य है। एक बार आगरा शहर में एक कसाई रहता था | वह एक ईमानदार व्यक्ति था,  जो न तो मिलावटी मांस बेचता था और न ही मांस का अधिक दाम लेता था |  बेहतरीन मांस बेचने के कारण उसके शहर में बहुत सारे ग्राहक थे | शहर में  हर किसी को उसकी दुकान के बारे में पता था और वे अपने परिवार व दोस्तों  को भी उसकी दुकान की सिफारिश करते थे | त्योहारों के समय में उसकी दुकान  में लोगो की भीड़ लगी रहती थी और वह कसाई पूरे दिन उनकी सेवा में व्यस्त रहता था |    ऐसे ही एक दिन एक अनाज का व्यापारी कसाई की दुकान में आया | कसाई  उस समय पैसे गिन रहा था | व्यापारी ने उसे एक किलो मांस देने को कहा |  कसाई ने अपना पैसो वाला थैला काउंटर पर रखा और मांस लेने के लिए  भंडार घर में चला गया ...

( जादू की छड़ी ) Interesting Short Stories Akbar Birbal

    जादू की छड़ी  Description: 🌟 जादू की छड़ी की कहानी | बीरबल की बुद्धिमानी से चोरी का रहस्य सुलझाना | मजेदार और शिक्षाप्रद कहानी बच्चों और बड़ों के लिए | हिंदी कहानी 🌟 एक समय मशहूर फतेहपुर सीकरी शहर में एक अमीर तेल का व्यापारी रहता था |  उसने अपनी पत्नी को खुश करने के लिए हीरो का एक हार उपहार में दिया | यह  हार बहुत ही कीमती था और उस औरत को बहुत पसंद था | वह अक्सर खास  कार्यक्रमों में जब उसके दोस्त उससे मिलने आते थे, तब इस हार को पहनती थी |  इस तरह औरतों की प्रशंसा से यह हार बहुत प्रसिद्ध हो गया |  किन्तु एक दिन जब वह औरत सो कर उठी तो उसे वह हार कही नहीं मिला |  उसने हार को बहुत ढूंढा, पर हार कही नहीं दिखाई नहीं दिया | इस प्रकार उसने  यह निष्कर्ष निकाला की हार चोरी हो गया है|  व्यापारी ने सैनिकों को हार को चोरी करने वाले को ढूंढ़ने भेजा | सैनिको ने चोर  की खोज शुरू की, किन्तु जिसने भी हार चोरी किया था, वह बहुत ज्यादा चालक था  उसने सैनिको के लिए कोई सुराग नही छोड़ा था | इससे व्यापारी की पत्नी  दुःख के कारण बीमार प...

Akbar Birbal Story: असली माँ– Hindi Kahani for Children

  असली माँ  असली माँ की कहानी में बताया गया है कि कैसे बुद्धिमान बीरबल ने अपने चतुर निर्णय से सम्राट अकबर की अदालत में एक बच्चे की असली माँ का न्याय किया। कहानी में दिखाया गया है कि सच्चा प्यार और ममता किसी भी परीक्षा में सामने आ जाती है। यह कहानी माता-पिता के सच्चे प्रेम और न्याय की शक्ति को दर्शाती है। सम्राट का कर्तव्य पृथ्वी पर भगवान की  छाया के रूप में काम करते हुए अपने  राज्य में शांति व्यवस्था स्थापित करना, कमज़ोरों की रक्षा करना और दुष्टों को दंड  देना होता है | अकबर को अपनी निष्पक्षता पर गर्व था | आखिरकार शहंशाह था|  दुनिया उसकी शरण में थी |  एक दिन उसकी शाही अदालत में दो औरते एक बच्चे के साथ आयी| वे दोनों  फूट  फूट कर रो रही थी | पहली औरत ने कहा “जहांपनाह! यह बच्चा मेरा पुत्र है |  में बहुत बीमार थी और इसकी देखभाल नहीं कर सकती थी | इसलिए मैंने इसे  अपनी सहेली के पास छोड़ दिया था| किंतु अब जब मैं ठीक हो गई हूं, तो यह  मुझे मेरा पुत्र देने से इंकार कर रही है |” इस पर दूसरी औरत ने चीखकर कहा, मेरे भगवान! यह झूठ बोल रही है| ...