जादू की छड़ी
जादू की छड़ी
एक समय मशहूर फतेहपुर सीकरी शहर में एक अमीर तेल का व्यापारी रहता था |
उसने अपनी पत्नी को खुश करने के लिए हीरो का एक हार उपहार में दिया | यह
हार बहुत ही कीमती था और उस औरत को बहुत पसंद था | वह अक्सर खास
कार्यक्रमों में जब उसके दोस्त उससे मिलने आते थे, तब इस हार को पहनती थी |
इस तरह औरतों की प्रशंसा से यह हार बहुत प्रसिद्ध हो गया |
किन्तु एक दिन जब वह औरत सो कर उठी तो उसे वह हार कही नहीं मिला |
उसने हार को बहुत ढूंढा, पर हार कही नहीं दिखाई नहीं दिया | इस प्रकार उसने
यह निष्कर्ष निकाला की हार चोरी हो गया है|
व्यापारी ने सैनिकों को हार को चोरी करने वाले को ढूंढ़ने भेजा | सैनिको ने चोर
की खोज शुरू की, किन्तु जिसने भी हार चोरी किया था, वह बहुत ज्यादा चालक था
उसने सैनिको के लिए कोई सुराग नही छोड़ा था | इससे व्यापारी की पत्नी दुःख के कारण बीमार पड़ गई |
व्यापारी को अपनी पत्नी की स्वास्थ्य की चिंता होने लगी | जब कोई विकल्प नहीं
मिला तो उसने बीरबल को यह मामला सुलझाने के लिए बुलाया | बीरबल व्यापारी
का बहुत अच्छा दोस्त था | एक दिन बीरबल उसके यहां रात के खाने पर गया |
बीरबल व्यापारी से बोला, वह हार हमेशा तुम्हारी पत्नी की अलमारी में रहता था |
यदि यह चोरी हुआ है तो यह आप के नौकरो में से किसी ने किया है | अपने
सभी नौकरो को बुलाओ, मुझे उनसे बात करनी है |”
नौकरो को भोजन कक्ष में बुलाया गया | बीरबल ने नौकरो से कहा मेरे पास कुछ
जादू की छाड़िया है| मै आप में से प्रतयेक को एक एक छड़ी दूंगा | कल आप ये
छाड़िया मुझे वापिस कर देना |
नौकरो में से एक नौकर ने कहा, परन्तु आप इन छडियो की सहायता से चोर
का पता कैसे लगाओगे|”
बीरबल ने कहा, “यह कोई मामूली छाड़िया नहीं है | चोर की छड़ी रात में दो इंच
बढ़ जाएगी | इसलिए में कल जब तुम्हारी इन छडियो को नापुंगा, तो मुझे पता
चल जाएगा कि चोर कौन है |”
यह सुनकर व्यापारी हैरान हो गया, किन्तु उसने कुछ नहीं कहा | अगले दिन
नौकरो ने बीरबल को छडिया वापस कर दी | बीरबल ने एक-एक करके छडियो
को नापा और व्यापारी से कहा, तुम्हारा रसोइया चोर है |”
हर कोई हैरान था | व्यापारी ने कहा, “तुम ऐसा कैसे कह सकते हो |” बीरबल
ने उत्तर दिया, “मैंने इसको जो छड़ी दी थी वो दो इंच छोटी है | इसने सोचा
क्योकि यह चोर है, इसलिए इसकी छड़ी दो इंच बढ़ जाएगी | इसीलिए इसने इसे
दो इंच काट दिया ताकि पकड़ा न जाये |”
व्यापारी हंसा | रसोइये ने हार वापिस कर दिया और अपनी नौकरी को दी |
हर किसी ने बीरबल की बुद्धिमानी की तारीफ की |
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