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सोनाली मकड़ी का रहस्य – एक रोमांचक बच्चों की कहानी

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राजनगर के छोटे से कस्बे में रहने वाला 12 साल का आरव अपनी दादी की पुरानी कहानियों पर खूब विश्वास करता था। दादी अक्सर उसे प्राचीन मंदिरों में छिपे रहस्यों, सोने की मूर्तियों और जादुई जीवों के बारे में सुनाती थीं। लेकिन इन सबमें से उसे सबसे ज्यादा आकर्षित करती थी – सोनाली मकड़ी की दास्तान। कहते हैं कि यह मकड़ी सोने की बनी थी, लेकिन जिंदा थी, और उसे पकड़ने वाला अनंत ऊर्जा प्राप्त कर सकता था। एक दिन आरव को अपने पिता की पुरानी किताबों में एक फटी-पुरानी डायरी मिली। उसके पहले पन्ने पर ही लिखा था – “सोनाली मकड़ी सच है। उसका ठिकाना शिवगंगा गुफा के नीचे है।” आरव की धड़कन तेज हो गई। क्या यह वही गुफा थी जिसका दादी बार-बार जिक्र करती थीं? अगली सुबह आरव ने अपनी सबसे अच्छी दोस्त सिया को बुलाया और उसे डायरी दिखाई। सिया साहसी और तेज दिमाग की लड़की थी। उसने डायरी के नक्शे को ध्यान से देखा और बोली, “अगर ये सच है, तो हमें तुरंत निकलना चाहिए। यह हमारा अब तक का सबसे बड़ा रोमांच होगा!” आरव को भी यही लगा, और दोनों बैग में टॉर्च, पानी, रस्सी और नोटबुक लेकर निकल पड़े। शिवगंगा गुफा शहर से तीन किलोमीटर दूर, घने जं...

बुद्धिमान कबूतर और लालची लोमड़ी | बच्चों के लिए नैतिक कहानी | Moral Story for Kids

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 बहुत समय पहले की बात है, एक शांत नदी के किनारे बहुत सारे पक्षी रहते थे। उनमें से एक छोटा सा कबूतर भी था, जो सबका प्रिय था। वह दयालु, ईमानदार और समझदार था। नदी के पास ही एक लोमड़ी रहती थी। वह बहुत चालाक और लालची थी। अक्सर वह किसी न किसी छोटे जानवर को धोखे से पकड़कर खा जाती थी। उसके कारण जंगल के छोटे जानवर हमेशा डर में रहते थे। एक गर्मी के दिन सभी पक्षी पानी पीने नदी के किनारे आए। तभी अचानक लोमड़ी झाड़ियों के पीछे से बाहर आई और बोली –  "आज तो मेरा खाना अपने आप मेरे पास आ गया!" पक्षी डर गए और इधर-उधर उड़ने लगे। लेकिन छोटा कबूतर वहीं खड़ा रहा। लोमड़ी ने हँसकर कहा –  "क्या तुम उड़ नहीं सकते? या डर से जम गए हो?" कबूतर शांत स्वर में बोला –  "मैं डर नहीं रहा, बस सोच रहा हूँ कि इतनी समझदार लोमड़ी क्या सच में भूखी है?" लोमड़ी को अजीब लगा और बोली –  "हाँ! मैं बहुत भूखी हूँ और तुम मेरे स्वादिष्ट खाने बनोगे!" कबूतर ने तुरंत एक योजना बनाई और बोला –  "अगर आप सच में मुझे खाना चाहती हैं, तो पहले मेरे साथ नदी तक चलिए। नदी के पास मेरा एक दोस्त रहता है। वह भी म...