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( बेईमान न्यायाधीश ) Akbar Birbal Moral Story in Hindi for Kids

   बेईमान न्यायाधीश अकबर का राज्य बहुत ही बड़ा था | इसीलिए उसने शहर में लोगों की विभिन्न  समस्याओं का समाधान करने के लिए अनेक न्यायाधीशों की |  एक दिन एक औरत सोने के सिक्के के थैले के साथ एक न्यायाधीश के पास जाकर  बोली __”श्रीमान! यह मेरे जीवन की जमा पूंजी है | मै तीर्थ यात्रा पर जा रही हूँ और  अपने साथ इतना पैसा नहीं ले जा सकती | कृपया जब तक मै वापस नहीं आती तब  तक यह थैला अपने पास सुरक्षित रख ले |  न्यायाधीश ने थैला अपने पास रख लिया | महिला उसने विदा लेकर तीर्थयात्रा पर  चली गई | इक महीने बाद महिला वापस लौटी , तब वह सीधा न्यायाधीश के पास  गई और उसने थैला वापस ले लिया | किन्तु जब वापस घर आकर उसने थैले  की सील थोड़ी , तो उसने देखा की थैला पत्थरो से भरा हुआ था | उसका सोना गायब था | वह न्यायाधीश के पास गयी और उससे बहस करने लगी | न्यायाधीश ने कहा , दुष्ट औरत! तुमने खुद थैले  में पत्थर भरे थे और अब मुझे भुगतान करने को  कह रही हो |” औरत के पास कोई और रास्ता नहीं था | वह न्याय के लिए  बादशाह के अदालत में गई | अकबर ने जब क...

Akbar Birbal Story: [ Short बीरबल और तीन गुड़िया ] – Hindi Moral Kahani

    बीरबल और तीन गुड़िया   एक  बार एक कलाकार तीन सुंदर गुड़ियों को लेकर बादशाह अकबर के दरबार में आया | ये गुड़िया बिलकुल एक सामान थी | उनमे इतनी समानता थी की उनके बीच अंतर करना मुश्किल था | अकबर को गुड़िया बहुत प्यारी लगी | उसने कहा, “ये गुड़िया मुझे बेच दो और मै तुम्हे इनकी अच्छी कीमत दूंगा |”  कलाकार ने कहा, “जहांपनाह! ये गुड़िया बेचने के लिए नहीं है| बेशक मै आपको ये उपहार के रूप में दे दूंगा यदि आपको दरबार में कोई यह बता दे कि तीनो में से अच्छी कौन सी है|” यह एक अजीब पहेली थी| अकबर ने गुड़ियों को उठाया और करीब से देखा | किन्तु तीनो गुडियो में इतनी समानता थी कि अकबर यह नहीं कह सका कि कौन सी अच्छी है | तब उसके पर्त्येक मंत्री ने इस पहेली को सुलझाने कि कोशिश की, परन्तु वे असफल रहे | अकबर ने बीरबल को बुलाकर कहा, “ प्रिय  बीरबल तुम क्यों नहीं कोशिश  करते| मुझे विश्वास है कि तुम इस पहेली को हल कर लोगे|” बीरबल अकबर की और सम्मान से झुका और गुड़ियों के पास गया | उसने पर्त्येक गुड़िया को हाथ में उठाया और बड़ी बारीकी से उनको देखा| हर कोई आश्चर्यचकित था | उसने एक...

Akbar Birbal Story: असली माँ– Hindi Kahani for Children

  असली माँ  असली माँ की कहानी में बताया गया है कि कैसे बुद्धिमान बीरबल ने अपने चतुर निर्णय से सम्राट अकबर की अदालत में एक बच्चे की असली माँ का न्याय किया। कहानी में दिखाया गया है कि सच्चा प्यार और ममता किसी भी परीक्षा में सामने आ जाती है। यह कहानी माता-पिता के सच्चे प्रेम और न्याय की शक्ति को दर्शाती है। सम्राट का कर्तव्य पृथ्वी पर भगवान की  छाया के रूप में काम करते हुए अपने  राज्य में शांति व्यवस्था स्थापित करना, कमज़ोरों की रक्षा करना और दुष्टों को दंड  देना होता है | अकबर को अपनी निष्पक्षता पर गर्व था | आखिरकार शहंशाह था|  दुनिया उसकी शरण में थी |  एक दिन उसकी शाही अदालत में दो औरते एक बच्चे के साथ आयी| वे दोनों  फूट  फूट कर रो रही थी | पहली औरत ने कहा “जहांपनाह! यह बच्चा मेरा पुत्र है |  में बहुत बीमार थी और इसकी देखभाल नहीं कर सकती थी | इसलिए मैंने इसे  अपनी सहेली के पास छोड़ दिया था| किंतु अब जब मैं ठीक हो गई हूं, तो यह  मुझे मेरा पुत्र देने से इंकार कर रही है |” इस पर दूसरी औरत ने चीखकर कहा, मेरे भगवान! यह झूठ बोल रही है| ...