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अदृश्य द्वीप का रहस्य ( Mystery of the invisible island adventure story |

मुख्य पात्र: किया – 13 साल की होशियार और जिज्ञासु लड़की वीर – उसका 14 साल का भाई, थोड़ा डरपोक लेकिन वफादार टॉबी – उनका पालतू तोता, जो कभी-कभी रहस्यमयी बातें करता है भाग 1: रहस्यमयी नक़्शा एक दिन बारिश के बाद किया और वीर को अपनी दादी के पुराने संदूक में एक पुराना, सूखा हुआ नक़्शा मिला। नक़्शे पर एक "द्वीप" बना था… लेकिन जब उन्होंने गूगल मैप्स पर देखा — वहां कुछ भी नहीं था! "शायद ये कोई अदृश्य द्वीप है!" किया बोली। "या कोई मज़ाक!" वीर ने डरते हुए कहा। लेकिन टॉबी बोला, "रहस्य वहीं है जहाँ आंखें नहीं देख पातीं।" भाग 2: सफर की शुरुआत अगली सुबह वे एक छोटी नाव से समुंदर की ओर निकल पड़े, नक़्शे को पकड़कर। मौसम साफ था, लेकिन कुछ ही घंटे बाद आकाश में बादल घिर आए। अचानक समुंदर का पानी चमकने लगा, और नाव खुद ही एक अजीब सी धारा में बहने लगी… भाग 3: रहस्य से घिरा द्वीप अचानक नाव रुक गई — मानो किसी अदृश्य दीवार से टकरा गई हो। "हम तो बीच समुंदर में हैं, फिर ये क्या?" वीर बोला। किया ने नक़्शा देखा — और आश्चर्य हुआ! नक़्शे की एक नई ...

राज़ का सफ़र" ( Raj ka Safar Adventurous Story )

  एक छोटी सी बस्ती के बीच में एक पुरानी हवेली थी, जिसका नाम था " शैतान महल।" यहाँ के लोग इस हवेली के बारे में कई कहानियाँ सुनते आए थे। कुछ लोग कहते थे कि इस हवेली में भूत- प्रेत रहते हैं, तो कुछ लोग कहते थे कि यहाँ एक गहरा राज़ छुपा है। काविन, एक जवान और होशियार डिटेक्टिव, अपने दोस्तों के साथ एक दिन इस हवेली का राज़ जानने की ठान लेता है। काविन को न तो भूतों से डर लगता था और न ही कोई भी छुपी हुई बात उसके लिए मुश्किल होती थी। उसकी दोस्ती है अनन्या से, एक चंचल और होशियार लड़की, जो हर स्थिति में काविन का साथ देती है। एक रात, जब पूरा शहर सो रहा होता है, काविन और अनन्या हवेली तक पहुँच जाते हैं। उन्होंने अंदर जाने के लिए एक पुराना द्वार खोला और अंदर जाते ही, उन्हें एक पुरानी किताब मिलती है। किताब के अंदर एक पुरानी मंत्री की कहानी थी, जो यहाँ एक खोज कर रहा था, लेकिन किसी वजह से उसका सफ़र अधूरा रह गया था। जब काविन और अनन्या उस किताब को ध्यान से पढ़ते हैं, तो उन्हें एक रहस्यमय नक्शा मिलता है जो उन्हें एक छुपे हुए अंडरग्राउंड चैम्बर तक ले जाता है। काविन को लगता है कि इस चैम्बर में कु...

( बेईमान न्यायाधीश ) Akbar Birbal Moral Story in Hindi for Kids

   बेईमान न्यायाधीश अकबर का राज्य बहुत ही बड़ा था | इसीलिए उसने शहर में लोगों की विभिन्न  समस्याओं का समाधान करने के लिए अनेक न्यायाधीशों की |  एक दिन एक औरत सोने के सिक्के के थैले के साथ एक न्यायाधीश के पास जाकर  बोली __”श्रीमान! यह मेरे जीवन की जमा पूंजी है | मै तीर्थ यात्रा पर जा रही हूँ और  अपने साथ इतना पैसा नहीं ले जा सकती | कृपया जब तक मै वापस नहीं आती तब  तक यह थैला अपने पास सुरक्षित रख ले |  न्यायाधीश ने थैला अपने पास रख लिया | महिला उसने विदा लेकर तीर्थयात्रा पर  चली गई | इक महीने बाद महिला वापस लौटी , तब वह सीधा न्यायाधीश के पास  गई और उसने थैला वापस ले लिया | किन्तु जब वापस घर आकर उसने थैले  की सील थोड़ी , तो उसने देखा की थैला पत्थरो से भरा हुआ था | उसका सोना गायब था | वह न्यायाधीश के पास गयी और उससे बहस करने लगी | न्यायाधीश ने कहा , दुष्ट औरत! तुमने खुद थैले  में पत्थर भरे थे और अब मुझे भुगतान करने को  कह रही हो |” औरत के पास कोई और रास्ता नहीं था | वह न्याय के लिए  बादशाह के अदालत में गई | अकबर ने जब क...

Akbar Birbal Story: [ Short बीरबल और तीन गुड़िया ] – Hindi Moral Kahani

    बीरबल और तीन गुड़िया   एक  बार एक कलाकार तीन सुंदर गुड़ियों को लेकर बादशाह अकबर के दरबार में आया | ये गुड़िया बिलकुल एक सामान थी | उनमे इतनी समानता थी की उनके बीच अंतर करना मुश्किल था | अकबर को गुड़िया बहुत प्यारी लगी | उसने कहा, “ये गुड़िया मुझे बेच दो और मै तुम्हे इनकी अच्छी कीमत दूंगा |”  कलाकार ने कहा, “जहांपनाह! ये गुड़िया बेचने के लिए नहीं है| बेशक मै आपको ये उपहार के रूप में दे दूंगा यदि आपको दरबार में कोई यह बता दे कि तीनो में से अच्छी कौन सी है|” यह एक अजीब पहेली थी| अकबर ने गुड़ियों को उठाया और करीब से देखा | किन्तु तीनो गुडियो में इतनी समानता थी कि अकबर यह नहीं कह सका कि कौन सी अच्छी है | तब उसके पर्त्येक मंत्री ने इस पहेली को सुलझाने कि कोशिश की, परन्तु वे असफल रहे | अकबर ने बीरबल को बुलाकर कहा, “ प्रिय  बीरबल तुम क्यों नहीं कोशिश  करते| मुझे विश्वास है कि तुम इस पहेली को हल कर लोगे|” बीरबल अकबर की और सम्मान से झुका और गुड़ियों के पास गया | उसने पर्त्येक गुड़िया को हाथ में उठाया और बड़ी बारीकी से उनको देखा| हर कोई आश्चर्यचकित था | उसने एक...

Birbal Ki Buddhi – Akbar Birbal Short Moral Story for Kids

  कंजूस व्यापारी  अकबर के राज्य में हरिनाथ नाम का एक व्यक्ति रहता था | हरिनाथ एक  प्रतिभाशाली चित्रकार था | वह चित्र बनाकर अपना जीवन व्यतीत करता था |  क्योंकि वह चित्रकारी में बहुत अच्छा था, इसलिए वह पूरे राज्य में प्रसिद्ध था |  दूर दराज के क्षेत्रों अमीर लोग उससे अपना चित्र बनाने का आग्रह करते थे |  हरिनाथ एक चित्र बनाने में बहुत समय लगाता था, क्योंकि वह पहले उसकी  पूरी जानकारी इकट्ठा करता था और इसी कारण उसके चित्र जीवित प्रतीत होते थे |  परन्तु वह बहुत पैसे नहीं कमा पाता था और कमाया हुआ अधिकतर धन चित्र  बनाने के लिए कच्चे माल की खरीद में खर्च हो जाता था |  एक दिन एक अमीर व्यापारी ने हरिनाथ को एक चित्र बनाने के लिए आमंत्रित किया | हरिनाथ इस उम्मीद से व्यापारी के घर गया की यह उसे उसके काम के अच्छे पैसे  दे देगा | वह कुछ दिनों के लिए वहां रुका और व्यापारी को अपनी चित्रकारी से  संतुष्ट करने के लिए कड़ी मेहनत की |  किंतु व्यापारी एक कंजूस व्यक्ति था | जब कुछ दिनों की कड़ी मेहनत के बाद चित्र  पूरा हो गया, तब हरिनाथ उसे व्...

बीरबल की खिचड़ी Akbar Birbal Moral Story in Hindi

  बीरबल की खिचड़ी  अकबर के शहर फतेहपुर सीकरी में सर्दियों के दौरान काफी ठण्ड पड़ती थी || एक बार बादशाह ने यह घोषणा करवा दी कि वह सोने के हज़ार सिक्के उसे देंगे जो शाही महल के बाहर स्थित ठंडी झील में पूरी  रात खड़े होने की हिम्मत करेगा|  कई दिनों तक अकबर के पास कोई भी नहीं आया| फिर एक दिन एक गरीब ब्राह्मण दरबार में आया| अकबर उस गरीब आदमी को देखकर हैरान रह गए| वह बहुत कमजोर और बीमार था| अकबर ने पूछा, “ तुम काफी कमजोर और बीमार हो| तुम इस मुश्किल चुनौती को क्यों लेना चाहते हो?” ब्राह्मण बोला, “मेरे राजा, मै एक गरीब आदमी हूँ| मेरे छोटे छोटे बच्चे है, जो भूखे है| मुझे पैसों की जरूरत है|” अकबर राजी हो गए| ब्राह्मण को दो दोपहर झील में लेकर गए| ब्राह्मण ने अपने सारे कपडे उतारकर झील में प्रवेश किया और पहरेदारो की निगरानी में बर्फ जैसे ठन्डे पानी में पूरी रात खड़ा रहा |  अगली सुबह पहरेदार ब्राह्मण को दरबार में लेकर गए| अकबर ब्राह्मण की बहादुरी पर हैरान था | उसने पूछा, “ तुमने सारी रात ठन्डे  पानी में खड़े रहने के लिए प्र्रबंध कैसे किया? क्या तुम्हें ठंड नहीं लगी?” ब्राह्मण ...

Famous Akbar-Birbal Moral Stories for Kids

   पैसो का झोला  Description – Copy: पैसो का झोला कहानी एक ईमानदार कसाई और चालाक व्यापारी के बीच हुई घटना पर आधारित है। यह कहानी दिखाती है कि सत्य और ईमानदारी हमेशा जीतती है। बीरबल की बुद्धिमानी से झगड़ा सुलझता है और सही को न्याय मिलता है। यह कहानी बच्चों और बड़ों दोनों के लिए सीखने योग्य है। एक बार आगरा शहर में एक कसाई रहता था | वह एक ईमानदार व्यक्ति था,  जो न तो मिलावटी मांस बेचता था और न ही मांस का अधिक दाम लेता था |  बेहतरीन मांस बेचने के कारण उसके शहर में बहुत सारे ग्राहक थे | शहर में  हर किसी को उसकी दुकान के बारे में पता था और वे अपने परिवार व दोस्तों  को भी उसकी दुकान की सिफारिश करते थे | त्योहारों के समय में उसकी दुकान  में लोगो की भीड़ लगी रहती थी और वह कसाई पूरे दिन उनकी सेवा में व्यस्त रहता था |    ऐसे ही एक दिन एक अनाज का व्यापारी कसाई की दुकान में आया | कसाई  उस समय पैसे गिन रहा था | व्यापारी ने उसे एक किलो मांस देने को कहा |  कसाई ने अपना पैसो वाला थैला काउंटर पर रखा और मांस लेने के लिए  भंडार घर में चला गया ...