चतुर खरगोश और शेर की कहानी | Moral Story in Hindi for Kids


परिचय:  

बच्चों की कहानियाँ सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं होतीं, बल्कि उनमें छुपा होता है जीवन का बड़ा सबक। आज की कहानी है एक चतुर खरगोश और जंगल के शेर की, जो हमें समझदारी और साहस की शक्ति सिखाती है।  


जंगल का राजा और उसका आतंक  

बहुत समय पहले की बात है। एक घना जंगल था जिसमें शेर राजा की तरह राज करता था। शेर इतना ताकतवर और खतरनाक था कि हर जानवर उससे डरता था। रोज़ शेर शिकार पर निकलता और किसी भी जानवर को मारकर खा जाता। इस कारण जंगल के सभी जानवर परेशान रहने लगे।  


आखिरकार, सभी जानवर एकत्र हुए और उन्होंने शेर से विनती की—  

“हे जंगल के राजा, अगर आप रोज़ हमें शिकार करेंगे तो जल्द ही हम सब खत्म हो जाएंगे। आपसे निवेदन है कि रोज़ हममें से एक जानवर खुद आपके पास आ जाएगा। इस तरह आपको शिकार पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।”  


शेर ने थोड़ी देर सोचा और कहा—  

“ठीक है! लेकिन ध्यान रहे, रोज़ समय पर मेरा भोजन पहुंचना चाहिए, वरना मैं गुस्से में आकर कई जानवरों को मार डालूंगा।”  


खरगोश की योजना  

अब रोज़ एक-एक जानवर अपनी बारी आने पर शेर के पास जाने लगा। धीरे-धीरे सभी का मन घबराने लगा क्योंकि हर दिन एक साथी को खोना बहुत कठिन था। एक दिन बारी आई छोटे से खरगोश की। वह बहुत डर गया, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। खरगोश ने सोचा—“अगर मैं समझदारी से काम लूँ, तो शायद हम सबको इस मुसीबत से बचा सकूँ।”  


खरगोश ने एक योजना बनाई। वह जानबूझकर देर से शेर के पास जाने निकला। रास्ते में उसने एक गहरे कुएँ में झांककर देखा और योजना पक्की की।  


शेर और दर्पण जैसा कुआँ  

जब खरगोश देर से पहुँचा तो शेर गुस्से से दहाड़ने लगा—  

“इतनी देर क्यों की? क्या तुम्हें मेरी ताकत का अंदाज़ा नहीं?”  


खरगोश घबराने का नाटक करते हुए बोला—  

“महाराज! मैं समय पर चल पड़ा था, लेकिन रास्ते में एक और शेर मिल गया। उसने कहा कि वह भी इस जंगल का राजा है। उसने मुझे रोक लिया और धमकी दी कि वह असली राजा है। बड़ी मुश्किल से मैं उससे बचकर आपके पास आया हूँ।”  


शेर आगबबूला हो गया—  

“कैसे किसी और की हिम्मत हुई मेरे जंगल का राजा बनने की! मुझे अभी उस नकली शेर के पास ले चलो।”  


खरगोश तुरंत शेर को उसी कुएँ के पास ले गया। उसने कुएँ की ओर इशारा किया और कहा—  

“महाराज, वही है नकली शेर। खुद देख लीजिए।”  


शेर ने कुएँ में झाँका। उसे पानी में अपनी ही परछाई दिखाई दी। लेकिन उसे लगा कि सचमुच कोई दूसरा शेर है। गुस्से में उसने दहाड़ लगाई, और कुएँ के पानी में भी वही दहाड़ गूँजी। शेर ने समझा सामने वाला शेर भी उसे ललकार रहा है।  


शेर का अंत और जंगल की आज़ादी  

गुस्से से भरा शेर कुएँ में कूद पड़ा ताकि उस नकली शेर को खत्म कर सके। लेकिन जैसे ही वह कूदा, गहरे कुएँ में डूबकर उसकी मृत्यु हो गई।  


खरगोश ने राहत की सांस ली और जल्दी से बाकी जानवरों को जाकर बताया कि शेर अब खत्म हो चुका है। सारे जंगल में खुशियाँ फैल गईं। सभी जानवर नाचने-गाने लगे और खरगोश को अपना नायक मान लिया।  


सीख (Moral of the Story)  

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि कठिन से कठिन परिस्थिति में भी अगर हम धैर्य और बुद्धि से काम लें तो किसी भी समस्या का समाधान निकल सकता है। ताकत से ज्यादा महत्वपूर्ण है समझदारी।  


निष्कर्ष  

बच्चों, जब भी आप मुसीबत में हों, तो घबराएँ नहीं। शेर जैसा ताकतवर भी चतुराई से हराया जा सकता है। यही इस कहानी का संदेश है कि जीवन में साहस और बुद्धि दोनों का मेल जरूरी है।  


आपको यह कहानी कैसी लगी? अपने विचार कमेंट में जरूर लिखें।


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