शीर्षक: जादुई पेंसिल और खोया हुआ इंद्रधनुष
एक बार की बात है, रंगपुर नाम का एक छोटा-सा गाँव था। यह गाँव अपनी खूबसूरती और रंगों के लिए दूर-दूर तक मशहूर था। यहाँ के बच्चे हर दिन स्कूल जाते, खेलते, हँसते और अपनी रंगीन दुनिया में मग्न रहते थे। लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ जिसने पूरे गाँव की खुशियाँ छीन लीं—आसमान से इंद्रधनुष गायब हो गया। इंद्रधनुष इस गाँव की शान था। जब भी बारिश रुकती, आसमान में सात रंगों का अद्भुत इंद्रधनुष दिखाई देता। लेकिन पिछले कई दिनों से न तो बारिश हो रही थी और न ही इंद्रधनुष दिख रहा था। गाँव वाले परेशान हो गए। गाँव में एक छोटा बच्चा रहता था—अनय। अनय को कहानियाँ सुनना और चित्र बनाना बहुत पसंद था। उसके पास रंग कम थे, पर कल्पनाशक्ति बहुत थी। एक दिन स्कूल से लौटते समय उसे रास्ते में एक बूढ़ी दादी मिलीं। दादी ने अनय को देखा और मुस्कुराकर बोलीं, “बेटा, आसमान उदास है, इसलिए इंद्रधनुष छुप गया है।” अनय ने आश्चर्य से पूछा, “उदास? आसमान कैसे उदास हो सकता है दादी?” दादी ने अपना झोला खोला और एक पुरानी लकड़ी की पेंसिल अनय के हाथ में रख दी। “ये जादुई पेंसिल है। जो दिल से चाहो, ये उसे बना सकती ह...