मूर्ख व्यक्ति
मूर्ख व्यक्ति
बादशाह अकबर को बहुत सारे शौक थे | उन्हें शतरंज खेलना और पतंग उड़ाना पसंद था | उन्हें अन्य देशो की कहानियों को सुनना भी पसंद था | लेकिन उनका पसंदीदा शौक घोड़ो का था, उसमे भी अच्छे घोड़ों का संग्रह करना था |
एक दिन घोड़ों का एक व्यापारी महल में आया | उसके पास बेचने के लिए घोड़ों का एक समूह था | बादशाह बाहर आये और घोड़ों को देखा |
बादशाह अकबर ने कहा, “ ये बहुत ही सुन्दर घोडे हैं| मै सारे खरीद लूंगा | क्या तुम्हारे पास और भी है?”
व्यापारी ने कहा, “नहीं महाराज ! पर यदि आप मुझे कुछ धन दे दे, तो
में अफगानिस्तान जाकर कुछ घोड़े खरीदकर ले आऊंगा |”
अकबर ने घोड़ों के समूह के सारे घोड़े ले लिये और अफगानिस्तान से अधिक घोड़े लाने के लिए दो सौ सोने के सिक्के दिए | उन्होंने उसे पैसे दिए लेकिन उनसे कोई प्रश्न नहीं पूछा |
यह भी नहीं पूछा कि उसका नाम क्या था, वह कहां से आया था या वह
कहां रहता था | घोड़ो के व्यापारी ने पैसे लिए और वहां से चला गया |
कई दिन बीत गए घोड़ो का व्यापारी वापस नहीं लौटा | कुछ दिनों के बाद, अकबर ने बीरबल से भारत में दस सबसे बड़े मूर्खों की एक सूची बनाने के लिए कहा | बीरबल ने यह सूची तुरंत बनाकर बादशाह को सौप दी | जैसे ही अकबर ने सूची को पढ़ना शुरू किया, वह हैरान रह गए और फिर बहुत क्रोधित हुए | बीरबल ने अकबर का नाम सूची में
सबसे ऊपर लिखा था |
“बीरबल यह क्या है?” बादशाह चिल्लाए | “ मेरा नाम सूची में सबसे ऊपर क्यों है?”
“जहांपनाह! ऐसा इसलिए क्योकि आप सभी लोगो में सबसे बड़े मुर्ख है|” बीरबल ने कहा |
“तुम्हारी इतनी हिम्मत कैसे हुई….?” अकबर ने बीरबल के शब्दों से
आहात होते हुए कहा |
बीरबल ने कहा “महाराज! आपने एक अजनबी को इतना ज्यादा पैसा दे दिया और यह भी नहीं पूछा कि वह कौन था, कहां से आया था, क्या यह मूर्खता नहीं है?”
अकबर ने कहा यदि वह आदमी घोड़ो के साथ वापस आ जाएगा, तो क्या होगा?”
महाराज, यदि वह आदमी घोड़ो के साथ वापस आ जाएगा, तो मै सूची में सबसे ऊपर से आपका नाम हटा दूंगा | और उसका नाम लिख दूंगा|” बीरबल ने कहा |
अकबर को यह एहसास जो गया था कि उन्होंने वास्तव में मूर्खता की थी |
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